सीबीआई की छापेमारी
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केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम के ठिकानों की तलाशी ले रही है। बताया जा रहा कि केंद्रीय एजेंसी ने यह कार्रवाई कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में की है। सीबीआई के अनुसार पूर्व वित्त सचिव पर करेंसी छपाई के लिए दिए गए टेंडर में अनियमितता का आरोप है।
सीबीआई ने लगाए गंभीर आरोप
सीबीआई का आरोप है कि ब्रिटेन की कंपनी डी ला रुए इंटरनेशनल लिमिटेड, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए आपराधिक साजिश रची। वित्त सचिव के रूप में मायाराम ने रंग बदलने वाले विशेष सुरक्षा धागों की आपूर्ति के लिए कंपनी के साथ खत्म हो चुके अनुबंध को अवैध तरीके से तीन साल के लिए बढ़ा दिया। इसके लिए गृह मंत्रालय से कोई अनिवार्य सुरक्षा मंजूरी नहीं ली गई या तत्कालीन वित्त मंत्री को सूचित नहीं किया गया। एफआईआर के मुताबिक, मायाराम ने कथित तौर पर चौथी बार अनुबंध को बढ़ाया था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार हैं मायाराम
सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 1978 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के दिल्ली और जयपुर स्थित आवासों पर तलाशी ली गई। एजेंसी ने वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के मुख्य सतर्कता अधिकारी की शिकायत पर 2018 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी। सीबीआई ने अपने निष्कर्षों के आधार पर इसे मायाराम के खिलाफ नियमित मामले में तब्दील कर दिया। मायाराम इस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आर्थिक सलाहकार हैं।
2004 में हुआ था करार
एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि केंद्र सरकार ने 2004 में भारतीय बैंक नोटों के लिए रंग बदलने वाले विशेष सुरक्षा धागों की आपूर्ति के लिए डी ला रुए इंटरनेशन लिमिटेड के साथ पांच साल का करार किया था। 31 दिसंबर 2015 तक अनुबंध को चार बार बढ़ाया गया। दावा है कि तत्कालीन वित्त मंत्री ने भारत सरकार की ओर से विशिष्ट सुरक्षा धागों के आपूर्तिकर्ताओं के साथ विशेष समझौते के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को अधिकृत किया था। चार सितंबर 2004 को डी ला रुए के साथ समझौते पर दस्तखत किए गए थे।
समझौते के समय कंपनी के पास वैध पेटेंट नहीं था
सीबीआई को पता चला कि कंपनी ने 28 जून 2004 को भारत में पेटेंट के लिए आवेदन किया था, जिसे 13 मार्च 2009 को प्रकाशित किया गया और 17 जून, 2011 को जारी किया गया। इससे यी पता चलता है कि समझौते के समय कंपनी के पास वैध पेटेंट नहीं था। एजेंसी का आरोप है कि समझौते पर आरबीआई के कार्यकारी निदेशक पीके बिश्वास ने डी ला रुए के पेटेंट दावे का सत्यापन किए बिना हस्ताक्षर कर दिए थे।
भारत जोड़ो यात्रा में हुए थे शामिल
पूर्व वित्त सचिव के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय पर की गई है जब कुछ समय पूर्व ही राजस्थान के अलवर में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में अरविंद मायाराम को राहुल गांधी के साथ देखा गया था। उसके कुछ ही घंटों के बाद यह कार्रवाई की गई है। मायाराम और उनकी पत्नी शैल को गांधी के साथ हाथ में हाथ डाले चलते देखा गया।
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