04:25 PM, 11-Jan-2023
सीएम धामी आज जोशीमठ में रात्रि प्रवास करेंगे। रात्रि प्रवास के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून से रवाना हो गए हैं। प्रस्तावित सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचेंगे।
प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराई जा रही सहायता एवं किए गए कार्यों से सीएम अवगत होंगे। वहीं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएम से फोन पर स्थिति का जायजा लिया।
04:17 PM, 11-Jan-2023
तीसरा कारण: भूस्खलन क्षेत्र में बसा शहर
1970 में अलकनंदा की बाढ़ के बाद यूपी सरकार ने 1976 में तत्कालीन गढ़वाल आयुक्त एमसी मिश्रा की अध्यक्षता में वैज्ञानिकों की 18 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में सिंचाई, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर, रुड़की इंजीनियरिंग कालेज (अब आईआईटी) और भूर्गभ विभाग के विशेषज्ञों के साथ ही पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट शामिल थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना था कि जोशीमठ भू-स्खलन प्रभावित क्षेत्र है। इसके ढलानों से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। भूस्खलन इलाकों में पेड़ न काटे जाएं, पहाड़ी ढलानों पर पौधरोपण किया जाए। पांच किमी के दायरे में किसी प्रकार का खनन न किया जाए।
04:08 PM, 11-Jan-2023
पिछले साल 16 से 19 अगस्त के बीच राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला के नेेतृत्व में एक टीम ने जोशीमठ का सर्वेक्षण किया था। शोध के बाद उन्होंने नवंबर माह में 28 पृष्ठों की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसमें उन्होंने माना था कि जोशीमठ के नीचे अलकनंदा में कटाव के साथ ही सीवेज और ड्रेनेज की व्यवस्था न होने से पानी जमीन में समा रहा है। इससे जमीन धंस रही है।
03:55 PM, 11-Jan-2023
कारण 1: तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना
जुलाई 2022 को चार भू-विज्ञानियों प्रो. एसपी सती, डॉ. नवीन जुयाल, प्रो. वाईपी सुंदरियाल और डॉ. शुभ्रा शर्मा का एक शोध पत्र टूवर्ड अंदरस्टैंडिंग द कॉज ऑफ सोयल क्रीप एंड लैंड सबसाइडेंस अराउंड हिस्टोरिकल जोशीमठ टाउन जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि यहां पहाड़ी ढलानों को काटकर बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी गई। तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना की टनल जोशीमठ के नीचे करीब एक किमी गहराई में गुजर रही है। उनका कहना था कि यह सुरंग जोशीमठ व आसपास के लिए कभी भी मुश्किलें पैदा कर सकती है। वहीं, 25 मई 2010 को करेंट साइंस शोध पत्रिका में प्रकाशित गढ़वाल विवि के पूर्व प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट व डॉ. पीयूष रौतेला के शोध पत्र में भी स्पष्ट कहा गया था कि परियोजना की टनल बोरिंग मशीन की वजह से पानी का रिसाव बढ़ रहा है जो कि भविष्य का खतरनाक संकेत है।
03:38 PM, 11-Jan-2023
जोशीमठ भू-धंसाव: पांच प्रमुख कारण
1- एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना की टनल का निर्माण
2- शहर में ड्रेनेज की व्यवस्था न होना
3- पुराने भू-स्खलन क्षेत्र में बसा शहर
4- क्षमता से अधिक अनियंत्रित निर्माण कार्य
5- अलकनंदा नदी में हो रहा भू-कटाव
03:23 PM, 11-Jan-2023
आखिर क्यों धंस रहा जोशीमठ
आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जोशीमठ धंस क्यों रहा है? वैज्ञानिकों के अपने तर्क हैं। सरकार के अपने तथ्य और इंतजामात। जोशीमठ को लेकर चार प्रमुख शोध हो चुके हैं, जिनमें अलग-अलग समय पर शोधकर्ताओं ने अलग कारण बताए।
03:02 PM, 11-Jan-2023
कांग्रेस करेगी सीेएम आवास कूच
कांग्रेस प्रदेश अधयक्ष करन माहरा ने कहा कि जोशीमठ में भू-धंसाव की चपेट में आए भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रारंभ करने से पहले धामी सरकार प्रभावितों के लिए कल शाम तक उचित मुआवजा राशि घोषित करें अन्यथा उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए विवश होगी।
02:44 PM, 11-Jan-2023
टिहरी की तर्ज पर न्यू जोशीमठ बनाने पर विचार
टिहरी की तर्ज पर न्यू जोशीमठ बनाने पर सरकार विचार कर रही है, लेकिन स्थानीय लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे जोशीमठ में ही रहना चाहते हैं। हालांकि सरकार ने जोशीमठ की आबादी को शिफ्ट करने के लिए तीन स्थानों का चयन किया है। इसमें एक जोशीमठ में जेपी कालोनी के पास उद्यान विभाग की जमीन है। दूसरा पीपलकोटी और तीसरा गौचर के पास जमीन पर लोगों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
02:10 PM, 11-Jan-2023
न कैबिनेट बैठक बुलाई न ही सर्वदलीय बैठक : माहरा
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा सरकार को जोशीमठ के मुद्दे तत्काल कैबिनेट बैठक बुलानी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं की। न ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस पूरे मामले में गैरजिम्मेदार रुख अख्तियार किए हुए है। भाजपा सरकार के किसी भी मंत्री ने जोशीमठ का दौरा नहीं किया है। जो गए भी हैं हेलीकॉप्टर से जाकर कुछ घंटों में वापस लौट जा रहे हैं। भाजपा के एक प्रभारी मंत्री तो वहां केवल दो घंटे रहे और लौट आए। जबकि सरकार को वहां मंत्रियों की ड्यूटी लगानी चाहिए थी। वह रात-दिन वहीं कैंप करते और आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को देखते।
02:04 PM, 11-Jan-2023
भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें 50 हजार रुपये घर शिफ्ट करने और 1 लाख रुपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा।
01:38 PM, 11-Jan-2023
जोशीमठ के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी राजनीतिक माहौल गरमाए रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश राव मौन उपवास पर बैठ गए हैं। गांधी पार्क में समर्थकों के साथ धरने पर बैठे पूर्व सीएम ने कहा कि जोशीमठ में तोड़े जा रहे भवनों का वन टाइम सेटेलमेंट हो। बिना किसी पुनर्वास नीति के ध्वस्तीकरण अन्यायपूर्ण है।
01:20 PM, 11-Jan-2023
कम मुआवजे को लेकर बढ़ा लोगों में आक्रोश
723 परिवारों को दिया मुआवजा जाएगा। सिर्फ दो होटल ही ढहाए जाएंगे। किसी अन्य भवन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं होगी। दो होटलों के पास रहने वाले पांच परिवारों पर सबसे अधिक असर पड़ने की आशंका है। वहीं मलारी इन और माउंट व्यू होटल के बाहर व्यापारियों को धरना-प्रदर्शन जारी है। लोगों में सरकार द्वारा तय कम मुआवजे को लेकर आक्रोश है। प्रभावितों ने आरोप लगाया कि सरकार राहत के नाम पर दर्द दे रही है।
12:58 PM, 11-Jan-2023
कुछ व्यापारियों ने की सेटलमेंट की बात
प्रति परिवार डेढ़ लाख रुपये मुआवजा देगी सरकार लेकिन प्रभावित इसके लिए नहीं तैयार। मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के साथ एक घंटे तक चली बैठक में व्यापारियों और प्रभावितों ने रखी अपनी बात। नुकसान के आकलन के अनुसार वास्तविक क्षति की पूर्ति के बराबर राशि दरकार। कुछ व्यापारियों ने की सेटलमेंट की बात।
12:42 PM, 11-Jan-2023
धरने पर बैठे प्रभावित
प्रशासन के साथ बैठक में मुआवजे को लेकर बात नहीं बनने के बाद प्रभावित धरने पर बैठ गए। लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। अभी तक सिर्फ दो होटल के डिस्मेंटल का आदेश जारी किया गया है। जबिक अन्य भवनों को नहीं तोड़ा जाएगा।
12:14 PM, 11-Jan-2023
जिद पर अड़े होटल मालिक
जोशीमठ मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ की तर्ज़ पर मुआवजा नहीं मिलेगा, लेकिन मार्केट रेट पर होगा। हमने बोला कि मार्केट रेट बता दें लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं बता सकते तो हमने कहा कि हम भी नहीं उठेंगे।
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